【 RNI-HIN/2013/51580 】
【 RNI-MPHIN/2009/31101 】
12 Jul 2019
अनम इब्राहिम
दाग़दारी से इश्क़दारी कर बैठे क्राइम ब्रांच के चंद ख़ाकीधारी!
इतनी हुई चर्चादारी की रुसवा हो गई ख़ाकी की जात सारी!!!
एक वो गुज़रा हुआ दौर था जब मैंने भोपाल क्राइम ब्रांच के लिए एक ख़बर की हेडलाइन
कुछ यूं बनाई थी…..
और अब ये एक गुज़रता हुआ दौर है जब मैं भोपाल क्राइम ब्रांच के लिए हेडलाइन कुछ यूं लिख रहा हूँ…..
ज़बरन वसुलिकर्ताओ से दो क़दम आगे निकलता भोपाल क्राइम ब्रांच
भोपाल: शहर की सुरक्षा के घने दरख़्त की मज़बूत शाख़ बोले तो अपराध शाखा अंग्रेज़ी में कहें तो Crime Branch और उर्दू में कहे तो जुर्म शाख़ इन दिनों अपराध को रोकने के लिए नही बल्कि अपराध को बढ़ावा देने व खुद अपराध करने के कार्य के इल्ज़ामों के कटघरे में शर्म से सर झुकाए खड़ी है।क्राइम ब्रांच के लिए खबरों के बाज़ार में ख़ुलासे कम और तोहमतें ज़्यादा चर्चाओं का विषय बनते रही हैं। मसलन ज़बरन वसूली मज़बूर ग़रीबो की गिरेबां पर हाथ डालना रिश्वत ले पैसा उगाई कर हफ़्ता वसूली करना किसी को भी उठा लेना और अड़ीबाजी जैसे अपराधों को अंज़ाम देना कुछ इसी तरह के इल्ज़ाम इन दिनों सिलसिलेवार क्राइम ब्रांच के दामन पर लगते चले जा रहे हैं जिनके हर बुरे खुलासों से बदनामी समाज के भीतर जा पतलून उतार कर भोपाल पुलिस के पाक़ दामन पर मूत के नापाक कर रही है। वज़ह महज़ एक मछली है जो सारे तालाब को गंदा कर रही है – क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में आपसी गुटबाज़ी के किस्से वैसे तो काँग्रेस पार्टी की तरह है लेकिन इन सब में सब से भारी शिक़ायतों का बोझ DSP सलीम खान के सर पर रखा हुआ है जिसका भारीपन वर्दी को बदबख़्त बदचलन बना कर समाज के भीतर परोस रहा है। हाल ही में सलीम के माथे पर एक और शिकायती तोहमत जड़ गई है की उन होने अपने तीन उगाईकर्ताओं को हुक्म देकर चोरी के आरोपी इमरान नामक युवक को घर से क्राइम ब्रांच उठवाकर बुलवा लिया जिसके बाद इमरान की बेइंतेहा बेरहमी से पिटाई की गई और आरोपी इमरान को छोड़ने के लिए उसके परिवार से 3 लाख रुपये की मांग भी की गई। कॉपर चोरी के इल्ज़ाम में फंसे इमरान के परिवार की माली एहतबार से पहले ही हालत ख़स्ता थी जिसके चलते इमरान की बहन ने क्राइम ब्रांच के DSP को पैसा देने से मना कर दिया। ना सुनते ही मानो जैसे सलीम के सर पर शैतान सवार हो गया और उसने फ़रियादी की बहन के साथ बदकिरदारी का अभिनय निभा बदसुलूकी दिखानी शुरू कर दी।लिहाज़ा इमरान को 1 दिन क्राइम ब्रांच के टपरे में रखकर घर वालो से पैसे मंगवाने का दबाव बनाकर टॉर्चर किया गया। जब दूसरे दिन इमरान की बहन क्राइम ब्रांच अपने भाई से मुलाक़ात करने पहुची तो भाई तो वहां मिला नही परन्तु DSP सलीम से इमरान की बहन का सामना हो गया जहां इमरान की बहन से इमरान को छोड़ने के लिए 3 लाख रुपय की मांग की गई। बहन द्वारा इनकार करने पर इमरान से मिलने नही दिया गया और कहा गया कि ‘जा ढूंढ ले, तेरा भाई यहां क्राइम ब्रांच में नही हैं’ फिर क्या था 2 दिन का लंबा समय बीत जाने के बाद आरोपी इमरान के परिवार की महिलाओं ने DIG इरशाद वली के दफ्तर में सलीम व क्राइम ब्रांच के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत कर मदद की गुहार लगाई। बहरहाल इमरान का परिवार इस कशमकश में था कि इमरान जब क्राइम ब्रांच में नही है तो वो फिर गया कहां? आरोपी इमरान की बहनों द्वारा भोपाल के कई थानों की ख़ाख छानी गई परन्तु हर जगह इमरान की गैर-मौज़ूदगी ही हाथ लगी, मायुसी से तर होके जब इमरान की बहने थाना गोविन्दपुरा से बाहर निकल रही थी तभी अचानक इमरान की बड़ी बहन नगमा के पर्स में रखा मोबाइल बजने लगा। जैसे ही नगमा ने फ़ोन उठाया उधर से आरोपी इमरान की आवाज़ रोते हुए सुनाई दी। इमरान गिड़गिड़ाते हुए अपनी बहन से कहने लगा ‘बाज़ी बचा लो मुझे क्राइम ब्रांच वालो ने यहां थाना ऐशबाग में मुझे बन्द कर के रखा है बड़ी मुश्किल से मोबाईल मिला है आप कैसे भी करके 2 से ढाई लाख का इंतेज़ाम करके सलीम साहब को देदो वरना वो मुझे बहुत बड़े मामले में झूठा फसाकर जेल भेज देंगे।’ इधर बहन नग़मा इमरान से कुछ कह पाती किसी ने इमरान से मोबाईल छीन लिया और इमरान की आवाज़ खामोश हो गयी जिसके बाद नग़मा के कानों में कटते हुए फ़ोन की ‘टू टू टू’ की आवाज़ ने फिक्र व चिंता का ऐसा सुर फूंका की नगमा गर्भवती होने के बावजूद भी तत्काल थाना गोविंदपुरा से ऐशबाग थाने की तरफ दौड़ कर चल पड़ी। ऐशबाग थाने के द्वार को लांघते ही अचानक थकी हुई नगमा की आंखों के सामने कैद हुए फड़फड़ाते परिंदे की तरह सलाखों के पीछे उसका भाई इमरान नज़र आने लगा जिसे देखते ही बहन आगे बड़ मिल पाती अचानक तेज आवाज के साथ थाने में तैनात पुलिस वाले ने नगमा के सामने आकर चिल्लाते हुए बाहर जाने की ताक़ीद कर दी। नगमा गिड़गिड़ाते रही परन्तु थाना पुलिस द्वारा उसे मिलने नही दिया गया। 5 माह की गर्भवती नगमा अपने पेट पर हाथ रख ठीक थाने के सामने मौजूद मज़ार की पनाह में सवालियो की तरह बैठ गयी। नगमा ने ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाये लेकिन वो अपने भाई से बिना मिले नही जाएगी। फिर क्या था थोड़ी ही देर में मामला जंगल मे आग की तरह फैल गया चंद पत्रकारों द्वारा DSP क्राइम सलीम खान के ऊपर 3 लाख की रिश्वत मांगने के समाचार भी साझा किए गए आला अधिकारियों का वर्ज़न भी लिया गया जिसकी भनक जैसे ही क्राइम ब्रांच के DSP सलीम खान को लगी तो कॉपर चोरी के सफ़लता भरे ख़ुलासे से अपना ही अलग कर लिया गया।
6 जुलाई की शाम थाना गोविन्दपुरा में भेल कारख़ाने के मुलाज़िम राम प्रसाद मौर्य फरियादी बनकर दस्तक देते हैं जो ज़ुबानी किस्सा शिकायत की शक्ल में पुलिस के समक्ष जाहिर करते हैं कि चार व पांच तारीख की दरमियानी रात को भेल कारखाने के अंदर सेक्शन स्टोर एवं मशीन शॉप से बॉक्स नम्बर 4 ब्लॉक नम्बर 3 के अंदर पड़ा हुआ लगभग 630 किलो कॉपर को अज्ञात चोरों द्वारा चुरा लिया गया हैं। जिसके बाद आरोपियों की धड़पकड़ की मंशा से गोविंदपुरा व क्राइम ब्रांच की टीम एक जुट होकर तहकीकाना तमाशा खड़ा कर देती हैं और थोड़े से ही वक्त में चोर व चोरी गए माल का कुछ हिस्सा पुलिस के हत्ते चढ़ भी गया परंतु उन्हीं चारों में से कुछ को पैसा लेकर मामले से बाहर निकालने के लिए क्राइम ब्रांच के ऊपर तोहमतों का ठीकरा भी फूट गया। लिहाज़ा वारदात शिकायत और रिश्वत के इल्ज़ाम के पांच दिन बाद क्राइम ब्रांच ने 3 लाख की रिश्वत के इल्ज़ाम के चलते मामले से पल्ला तो झाड़ लिया परन्तु पांच दिन बाद थाना गोविंदपुरा ने कॉपर चोरी के मामले में एक प्रेस नॉट रिलीज़ करी जिसमे सात आरोपियों के नाम भी दर्शाए।
इमरान
राजू
धर्मेंद्र
देवेंद्र
सलीम
कल्याण
संदीप
जिन आरोपियों के पास से पुलिस ने एक बोलेरो, एक इंडिगो कार और डेढ़ क्विंटल भेल कारखाने से चोरी हुआ कॉपर जप्त किया बहरहाल अपूर्ण जानकारी के साथ थाना गोविंदपुरा ने प्रेस नोट तो रेलीज़ कर दिया था परंतु मामले की सम्पूर्ण जानकारी टीआई गोविंदपुरा के पास भी नही थी। टीआई गोविंदपुरा से जब जनसंपर्कLife ने जानना चाहा कि मामला गोविंदपुरा थाने का था तो क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को पकड़कर गोविंदपुरा की जगह ऐशबाग व अन्य थानों में क्यों पहुंचाया? दूसरा आरोपियों को पकड़ा कब गया? इस बात का ज्ञान खुद गोविंदपुरा टीआई को भी नहीं था। गोविंदपुरा टीआई यह बताने में सक्षम थे कि आरोपियों को किस दिनांक को पकड़ा गया। खैर अब हम बात करते हैं नए शहर के एसपी संपत उपाध्याय से जब मामले की जानकारी तलब कर सवाल किया की प्रेस नोट में अपूर्ण जानकारी है एसपी महोदय को अपने ही क्षेत्र की यही जानकारी नहीं थी कि थाना गोविंदपुरा ने प्रेस नोट कब रिलीज कर दिया। बहरहाल कई थाना क्षेत्रों से जुड़े इल्ज़ामो के घेरे में इन दिनों क्राइम ब्रांच पूरी तरह घिर चुका है परंतु आला अधिकारियों की मेहरबानी दर्जनों शिकायतों के बावजूद भी दागदार खाकीधारियों पर मेहरबान है। जानिए जल्द ही जनसम्पर्कLife में कुछ सनसनीखेज खुलासे जिसे पढ़कर मचेगी खलबली और खली-बली हो जाएगा दिल।
Rumours of Bomb at Gwalior railway station alerts Administration
डॉ. प्रियंका को मिल गया इंसाफ...चारों आरोपी एनकाउंटर में मारे गए
Former DG Lokayukt MP Kailash Makwana tweets about corruption spreading like cancer in the govt dept
क्या विधायक विश्वास सारंग ने ही दिग्विजय के पोस्टर लगवाए थे???
वादे के अनुसार सरकार ने नहीं किया कर्ज माफ, किसान खुदकुशी के लिए मजबूर: गोपाल भार्गव
अशोका गार्डन: फेमस जूस कार्नर पर हुई छापेमार कार्यवाही !
MP: 81 officers face 32,000 fine for not resolving complaints in CM Helpline
Missing forest worker Sheikh Junaid alive, photos surfaces on social media; ₹5Cr in debt
3 girls drown in pit while taking bath in Bhopal’s Berasia area, all 3 dead
After 200 complaints against door-to-door garbage collection, 250 CNG vehicles to be installed by Bhopal Municipal
State media agencies/channels under threat of cyber attack, state Cyber Cell issues alert
Ps Kamla Nagar (Bhopal) : Six Itarsi residents attempt to murder on rented cab driver
Husband hangs self in the capital after being blocked on WhatsApp by wife
Geeta thanks Madhya Pradesh in her own special way, after return from Pakistan was helped by MP police in searching family
Sultania hospital to be shifted completely till 12th Sept to new Hamidia building, treatments to start
Total Visitors :- 384651