【 RNI-HIN/2013/51580 】
【 RNI-MPHIN/2009/31101 】
10 Jun 2019
≈-अनम इब्राहिम-≈
-मोईन खान-
अपने फ़र्ज़ को पैरों तले रौंदने वाले ख़ाकीधारी खलनायक बता मासूम की खता क्या है??!!“`
*―जनसम्पर्क-life―*
7771851163
*भोपाल:* मध्यप्रदेश मतलब मासूम पीड़ित प्रदेश, अपराध पीड़ित प्रदेश, भय पीड़ित या असुरक्षित प्रदेश या यूं कहूं शोषण प्रदेश जो भी कहूं सुरक्षा की सलामती की दुहाई देने वाली प्रदेश पुलिस का यह घिनोना चेहरा लम्बे वक़्त के बाद भोपाल के थाना कमला नगर में देखने को मिला। शाम का शोर-शराबा रात में पूरी तरह रच-बस भी नहीं पाया था की तभी अचानक राजधानी के मुख्य पुलिसिया बस्ती के मुँह पर स्थित नेहरू नगर झुग्गी बस्ती से 8 साल की नासमझ मासूम दुकान पर सौदा लेने अपने घर से निकलती हैं। काफी देर गुज़र जाने के बाद भी जब मासूम अपने घर नही पहुँचती हैं तो घर के गरीब परिजनों के ह्दय पर चिंता चिमटी लेकर बेक़रार कर देती हैं। आनन-फानन में परिवार सड़क बाज़ार मोहल्लों की ख़ाक छानने पर अमादा हो उठता हैं जिस क़वायद के बाद भी मासूम का कही कोई नाम-ओ-निशां नही मिलता। अचानक हुई नाबालिक के गुम हो जाने की शिकायत को लेकर जब एक निर्धन पीड़ित परिवार थाना कमला नगर की दहलीज पर मिन्नतों का दामन फैलाकर सिसकते हुए मदद की गुहार लगाता हैं तो बदले में थाना कमला नगर के बदचलन बदकिरदार ख़ाकीदारी खलनायक पीड़ित परिवार से बारी बारी कहते हैं :
एक कहता हैं ‘अरे यहीं कही गयी होगी, वापस आ जाएगी तुम लोग घर जाओ’
तभी पीछे से दूसरे की आवाज़ आती हैं ‘अरे भाग गई होगी किसी के साथ’
तो तीसरा कहता हैं ‘जाओ पहले उसका फ़ोटो लेकर आओ।‘ सक्रियता बरत अपना फर्ज निभाकर एफआईआर दर्ज करने की जगह थाना कमला नगर पुलिस द्वारा गायब हुई बच्ची के परिवार का तमाशा बना थाने से बेदखल कर दिया जाता हैं। बेटी के गुम हो जाने का गम, माँ के सिसकते आंसू और पीड़ित परिवार के दर्द को नज़रअंदाज़ करती ख़ाकी के अड्डे की विलनिया टोली एक मजबूर माँ के हाथों में बेबसी की बैसाखी थमा घर के लिए रवाना तो कर देती हैं परन्तु बेचैन माँ उसी बेबसी की बैसाखी को हौसले का चप्पू बना अपने कच्चे मकान की तरफ तेज़ी से दौड़के जाती हैं और अपनी बेटी की तस्वीर को टटोल कर दोबारा थाने में दस्तक दे देती हैं। परन्तु थाना परिसर के भीतर बैठे आशीष विद्यार्थी, रंजीत, प्राण और प्रेम चोपड़ा का किरदार निभाने वाले ख़ाकीदारी बेरहम अपनी बात से मुकर गुमशुदा मासूम की तस्वीर को छोटा बता माँ को चलता कर देते हैं कि ‘नही यह तस्वीर छोटी हैं बड़ी लेकर आओ… पुलिस के टुच क़िरदार को देख पीड़ित परिवार इंसाफ की उम्मीद खो बैठता हैं लेकिन अपनी बच्ची की तलाश में खुद ही रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म बस स्टैंड से लेकर गली मोहल्ले के दर-ओ-दीवार तक तलाशियां नज़र दौड़ा भटकने लगता हैं। बहरहाल धीरे-धीरे शहर भर में फैली रात की रंगीनियत का नाज़ारा सिमटने लगता हैं परन्तु बच्ची की कोई खैर ओ खबर परिवार के हाथ नहीं लग पाती है। जिसकी वजह से पीड़ित परिवार के हृदय में उत्पन्न हुई हताशा हलक को आने लगती हैं जिसके बाद एक बार फिर पीड़ित परिवार थाने की तरफ कूच करता हैं। परन्तु इस बार भी नाउम्मीदी और रुसवाई के सिवा थाना कमला नगर से और कुछ हासिल नहीं हो पाता हैं। एक तरफ ख़ाकी की खाल में छुपे खलनायक थाने को गटरमस्ती का अड्डा बना हंसी मजाक में गुम होकर पूरी रात गुज़ारते हैं तो वही दूसरी ओर एक पीड़ित परिवार सारी रात अपनी लापता हुई बेटी को तलाशते हुए गुज़ार देता हैं। जैसे तैसे रात तो ढल जाती हैं लेकिन सुबह अपने हाथों में एक गहरे सदमे की सुई लेके आ एक माँ के मचलते दिल में चुभा जाती हैं। लिहाज़ा पुलिस का सौतेला रवैया और मज़बूर परिवार तो नज़र आ रहा था लेकिन 12 घण्टे से गायब नाबालिग़ की पीड़ा उस का दर्द किसी को नज़र नहीं आ रहा था की किन दरिंदों ने 8 साल की मासूम को अग़वा किया? क्या कर रहे होंगे उसके साथ…ये सारे सवाल सुलझे भी नहीं थे कि अचानक ग़ायब हुई नाबालिग़ की लाश घर के ही निकट एक नाले में पड़ी मिली। मासूम के सीने पर दांतों के निशान व चेहरे पर खरोच के निशान और हाथों पर रस्सियों की छाप के अलावा शर्मगाह से रक्त का रिसाव किसी वहशी की बेहरहमी भरी बर्बरता के ज़ुल्म ज्यादतियों की दास्तां बता रहा था।
कठुआ की आसिफ़ा और अलीगढ़ की ट्विंकल को तो वक़्त रहते शायद इसलिए नहीं बचाया गया लेकिन भोपाल के थाना कमला नगर की पुलिस 8 साल की तनु को तो वक़्त रहते बचा सकती थी लेकिन क्यों नहीं बचाया?? बेरहम क़ातिल बलात्कारी अपराधी और थाना कमला नगर पुलिस के बीच फ़र्क़ क्या बचा? खैर बच्ची के ब्लात्कार और हत्या के 24 घण्टे बाद पुलिस ने अपराधी को तो खंडवा के एक गांव से तो दबोच लिया लेकिन जो 10 घण्टे मासूम के साथ ज़बरन ब्लात्कार होता रहा जिसके बाद उसका गला घोंट दिया गया। इस घिनोने जुर्म की सजा का कारावास महज़ अपराधी को ही नहीं बल्कि उन लापरवाह निकम्मे पुलिस कर्मियों को भी मिलना चाहिए जिनकी नज़रअन्दाज़गी हवस के भूखे भेड़ियों की करतूतों से दो कदम आगे है।
(दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बच्ची को वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन परिवार को न्याय दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे) – *कमलनाथ, मुख्यमंत्री*
( उज्जैन और भोपाल में मासूम बच्चियों के साथ हुई घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। कांग्रेस का राज अब जंगलराज में तब्दील हो गया है। मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। -)
*गोपाल भार्गव,नेता प्रतिपक्ष*
मध्यप्रदेश महिला अपराध बाल अपराध पुलिस मुख्यालय जुर्मे वारदात
Rape accused out on bail gang rapes victim & shoots video to pressure her into withdrawing case in Jabalpur
पीसी शर्मा ने CAB और यूरिया को लेकर केंद्र पर साधा निशाना
Bhopal Cyber retrieves 13 Lakh in 32 complaints received, so far 51 lakh returned to complainants this year
रूस की हुकुमत ने मुक़ामी मीडिया के डिजिटल सोर्स FB, Twitter के इस्तेमाल पर क्यों कसी नकेल?
लोकसभा चुनावी तैयारी के चलते मय अफ़सरो के मैदानी पुलिस का लश्कर उतरा सड़को पर!
आपदा-ए-कोरोना में केजरी सच्चा जिसने उतारा सियासत का कच्छा!
नारी रक्षा कवज साबित होगा WSafety मोबाईल मंत्र!!!
Is banning online gambling & gaming in MP is a well thought way out of cyber crime? See what the HM has to say about it
पक्ष-विपक्ष के बीच किसानों की मौत पर दूसरे दिन हुई विधानसभा सत्र में सियासत!
9 people including BJP leader injured by Chinese Manjha this year in MP's Ujjain, police registers case against 20 accused
Only police doing the right job prior to 15th August, Jabalpur police check in crowded places with sniffer dogs
Congress workers arrested for trying to show black flags to CM Shivraj Singh Chouhan’s convoy in Jabalpur today
एक रात 600 गिरफ़्तारी: अदालत के भगौड़े वारंटियों की रातमरात हुई गिरफ़्तारी!!
यह चार वरिष्ठ विधायक बन सकते है विधानसभा स्पीकर
DGP ने किया नर्मदापुरम संभाग का दौरा, बढ़ते अपराधों पर नकेल कसने के दिए निर्देश।
Total Visitors :- 384651